बिलासपुर। लोकतंत्र का महापर्व शुरू हो गया है, इस महापर्व में सबकी सहभागिता जरूरी है। मतदान करना जरूरी है, किसे मत देना है किसे नहीं, यह स्वयं के विवेक पर निर्भर करता है। लेकिन महापर्व में सभी की सहभागिता जरूरी है। इसलिए सभी मतदान करें। उक्त बातें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज साइंस कालेज बिलासपुर में आयोजित एक आमसभा को संबोधित करते हुए कही। श्री मोदी ने कहा कि मतदान की तिथि घोषित होने के पहले एसी रूम में बैठे पंडित इस गुणा-भाग में लगे थे कि दीपावली के बाद मतदान कराने से क्या लाभ, जब लोग दीपावली की खुमारी में होंगे। लेकिन जब मतदान की घोषित हुई और आज जब मतदान का प्रथम चरण शुरू हुआ तो मतदान की गति देख अब यही पंडित सोच में पड़ गए हैं। नक्सल प्रभावित इलाकों में जिस उत्साह से लोग मतदान कर रहे हैं, उससे समझा जा सकता है कि लोगों लोकतंत्र के महापर्व में कितनी अधिक सहभागिता है। श्री मोदी ने कहा कि मतदान में सभी को शामिल होना चाहिए, पहले मतदान फिर जलपान। वोट किसे देना है और किसे नहीं, यह अपनी मर्जी है, लेकिन लोकतंत्र के उत्सव में शामिल होना सभी की जिम्मेदारी है। श्री मोदी ने कहा कि एक सप्ताह के बाद 20 तारीख को बाकी क्षेत्रों का मतदान होगा। इस बार छत्तीसगढ़ में भारी मतदान करके आप सभी को एक नया रिकार्ड बनाना चाहिए। महिलाओं और पुरुषों के बीच प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए कि किस वर्ग ने सबसे ज्यादा मतदान किया। यह संदेश सभी परिवार तक जाना चाहिए। श्री मोदी ने निर्वाचन आयोग को बधाई देते हुए कहा कि अधिक से अधिक मतदान के लिए आयोग दिन-रात मेहनत करती है, लोगों को जागरूक करती है। चुनाव में आयोग की एक बड़ी भूमिका होती है कि वो लोकतंत्र के इस महापर्व को विधिवत और निष्पक्ष रूप से संपन्न कराएं। इस काम में आयोग पूरी लगन से काम कर रही है, इसलिए आयोग बधाई का पात्र है। प्रधानमंत्री ने नाम लिए बिना कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले भी देश में चुनाव होते रहे हैं, लेकिन वो चुनाव जाति, बिरादरी के नाम पर लड़ा गया, परिवार के नाम पर लड़ा गया, मेरे-तेरे के बंटवारे पर लड़ा गया, गांव और शहर को बांट करके लड़ा गया, अमीरी और गरीबी की खाई बनाकर लड़ा गया। चुनाव के दो माह में ऐसा माहौल बनाया जाता था कि स्वस्थ्य रूप से सोचने वाला आदमी भी इसमें बह जाता था। भाजपा ने एक संकल्प लिया और देश को विकास और समृद्धि की ओर ले जाने का ठाना। हमने स्वस्थ्य मन से सोचने वाले लोगों की भावनाओं की कद्र की और देश को एकता के सूत्र में बांधकर विकास की नई ऊंचाई छूने का साहस किया। भाजपा ने एक मंत्र के सहारे राजनीति में प्रवेश किया और वह मंत्र था देश का विकास, विकास और ज्यादा विकास। श्री मोदी ने कहा कि देश को यदि विकास के रास्ते पर आगे ले जाना है तो ऊंच-नीच की खाई को पाटना होगा, देश के अंदर जात-पात खत्म करना होगा।
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